यदि आप भी दिल्ली जैसे शहर से है, तो आज के इस लेख में हम टॉप 10 Delhi me ghumne ki jagah के बारे में आप लोगो को जानकरी देने वाले है, क्योकि बहुत से लोग दिल्ली में रहकर ही दिल्ली कि जगहों के बारे में नही जानते है।
लेकिन इस आज के इस आर्टिकल को पढने के बाद आप में से हर कोई delhi mein ghumne ki jagah और दिल्ली के आसपास घूमने की जगह के बारे में अच्छे से जान जाएगा।
इसलिए आप सभी से निवेदन है, आप लोग इस आर्टिकल को पूरा अंत तक जरुर पढ़े, अन्यथा आप इस लेख से सम्बंधित बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी को मिस कर देंगे।
बहुत कम लोग जानते है, कि delhi ghumne ki jagah है, क्योकि बहुत सी फैमिली अपने बच्चो को छुट्टियों में दिल्ली घुमाने के लिए लेकर आते है, और दिल्ली ही एक ऐसी सिटी है, जहा पर भारत के अधिकांश बच्चो को टूर पर लाया जाता है।
क्योकि यहाँ पर बहुत सी ऐसी जगह है, जहाँ पर बच्चो को घुमाया जा सकता है, लेकिन इसके अलावा यदि आप भी दिल्ली जैसे शहर का आनंद लेना चाहते है, तो आपको Delhi me ghumne ki jagah के बारे में अच्छे से पता होना जरुरी है, आईये अब बिना समय को गंवाए दिल्ली में घुमने की जगहों के बारे में विस्तार से जानते है।
Delhi me ghumne ki jagah। दिल्ली में घुमने की जगह।
बहुत से लोगो को लगता है, कि delhi mein ghumne layak jagah कोई है, ही नही, लेकिन मुझे विश्वास है, कि जो लोग इस लेख को पूरा अंत तक पढेंगे, उन्हें बहुत से ऐसे दिल्ली में घुमने वाले स्थानों के बारे में पता चलेगा, जिसके बारे में बहुत कम लोगो से सुना है।
1- इंडिया गेट-
यदि आप एक देश प्रेमी है, तो आप इस स्थान को कभी भी नही भूल पायेंगे, क्योकि यह स्थान प्रथम विश्व युद्ध में शहीद जवानो कि याद में बनाया गया है, और यहा पर जल रही अमर जवान ज्योति हर एक देश प्रेमी के सीने में आग सी लगा देती है।
यदि आप दिल्ली आ रहे है, और दिल्ली में घुमने की सोच रहे है, तो इंडिया गेट आपके लिए एक अच्छी जगह हो सकती है, और इसके अलावा कई से यूट्यूबर और टिकटोकर भी इस स्थानों पर विजिट करके अपना विडियो क्रिएट करते है।
2- अक्षरधाम मन्दिर-
अक्षरधाम मन्दिर भी दिल्ली का एक बेहतरीन घुमने की जगह है, अक्षरधाम मन्दिर को गुलाबी, सफेद संगमरमर और बलुआ पत्थरों के मिश्रण से बनाया गया है। इस मंदिर को बनाने में स्टील, लोहे और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
मंदिर को बनाने में लगभग पांच साल का समय लगा था। श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज के नेतृत्व में इस मंदिर को बनाया गया था।
करीब 100 एकड़ भूमि में फैले इस मंदिर को 11 हजार से ज्यादा कारीगरों की मदद से बनाया गया। पूरे मंदिर को पांच प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है। मंदिर में उच्च संरचना में 234 नक्काशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबदों, 20 शिखर होने के साथ 20,000 मूर्तियां भी शामिल हैं। मंदिर में ऋषियों और संतों की प्रतिमाओं को भी स्थापित किया गया है।
अक्षरधाम मन्दिर का यह अद्भुद नजारा देखने के लायक होता है, और यदि आप दिल्ली में घुमने के इरादे से आ रहे है, तो अक्षरधाम मन्दिर आ सकते है, यहाँ पर प्रतिदिन हजारो लोग दर्शन के लिए आते है।
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3- हुमायूँ का मकबरा-
हुमायूँ का मकबरा इमारत परिसर मुगल वास्तुकला से प्रेरित यह एक लाजवाब मकबरा स्मारक है। यह नई दिल्ली के दीनापनाह अर्थात् पुराने किले के निकट निज़ामुद्दीन पूर्व क्षेत्र में मथुरा मार्ग के निकट स्थित है।
गुलाम वंश के समय में यह भूमि किलोकरी किले में हुआ करती थी और नसीरुद्दीन (1268-1287) के पुत्र तत्कालीन सुल्तान केकूबाद की राजधानी हुआ करती थी।
यहाँ मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है और इसमें हुमायूँ की कब्र सहित कई अन्य राजसी लोगों की भी कब्रें हैं। यह समूह विश्व धरोहर घोषित है, एवं भारत में मुगल वास्तुकला का प्रथम उदाहरण है।
इस मक़बरे में वही चारबाग शैली है, जिसने भविष्य में ताजमहल को जन्म दिया है। यह सब नजारा देखने योग्य है, इसलिए बहुत से पर्यटक जब दिल्ली यात्रा के लिए आते है, तो एक बार यहाँ पर जरुर आते है, ऐसे में यदि आप भी दिल्ली घूमना चाहते है, तो हुमांयू का मकबरा आपके लिए एक अच्छा वाकिंग स्पॉट हो सकता है।
4- लाल किला-
मेरे हिसाब से जब कही पर भी दिल्ली घुमने की बात होती होगी, तो सबसे पहले लाल किला का ही नाम आता होगा, क्योकि आज के समय में दिल्ली का सबसे फ़ेमस घुमने की जगह यह लाल किला है, आईये इसकी विशेषता जानते है-
लाल क़िला दिल्ली के ऐतिहासिक, क़िलेबंद, पुरानी दिल्ली के इलाके में स्थित, लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। किले को “लाल किला”, इसकी दीवारों के लाल-लाल रंग के कारण कहा जाता है। इस ऐतिहासिक किले को वर्ष 2007 में युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल चयनित किया गया था।
भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किला (Lal Kila) देश की आन-बान शान और देश की आजादी का प्रतीक है। मुगल काल में बना यह ऐतिहासक स्मारक विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है और भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
लाल किला के सौंदर्य, भव्यता और आर्कषण को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं और इसकी शाही बनावट और अनूठी वास्तुकला की प्रशंसा करते हैं।
यह शाही किला मुगल बादशाहों का न सिर्फ राजनीतिक केन्द्र था, बल्कि यह औपचारिक केन्द्र भी हुआ करता था, जिस पर करीब 200 सालों तक मुगल वंश के शासकों का राज रहा। देश की जंग-ए-आजादी का गवाह रहा लाल किला मुगलकालीन वास्तुकला, सृजनात्मकता और सौंदर्य का अनुपम और अनूठा उदाहरण है।
1648 ईसवी में बने इस भव्य किले के अंदर एक बेहद सुंदर संग्रहालय भी बना हुआ है। करीब 250 एकड़ जमीन में फैला यह भव्य किला मुगल राजशाही और ब्रिटिशर्स के खिलाफ गहरे संघर्ष की दास्तान बयां करता हैं। वहीं भारत का राष्ट्रीय गौरव माने जाना वाला इस किले का इतिहास बेहद दिलचस्प है।
5- क़ुतुब मीनार
क़ुतुब मीनार भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली भाग में स्थित है, यह ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। यह दिल्ली का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। इसकी ऊँचाई 73 मीटर (239.5 फीट) और व्यास 14.3 मीटर है।
जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर (9.02 फीट) हो जाता है। इसमें 379 सीढियाँ हैं। मीनार के चारों ओर बने अहाते में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने हैं, जिनमें से अनेक इसके निर्माण काल सन 1192 के हैं।
यह परिसर युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है। कहा जाता है कि ये मीनार पास के 27 किला को तोड़कर और दिल्ली विजय के उपलक्ष्य मे किला के मलबे से बनाई गयी थी। इसका प्रमाण मीनार के अंदर कुतुब के चित्र से मिलता है।
एक स्थान के अनुसार ये मीनार वराहमिहिर का खगोल शास्त्र वेधशाला थी। कुतुब मीनार परिसर में एक कुतुब स्तंभ भी है जिसपर जंग नही लगती है। ऐसा नजारा हर किसी को देखने के योग्य होता है, इसलिए बहुत से पर्यटक जब दिल्ली जाते है, तो एक बार यहाँ पर जरूर आते है।
6- नेशनल रेल म्यूज़ियम
राष्ट्रीय रेल परिवहन संग्रहालय नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित एक संग्रहालय है, जो भारत की रेल धरोहर पर ध्यानाकर्षण करता है और 140 साल के इतिहास की झलक प्रस्तुत करता है।
इसकी स्थापना 1 फरवरी, 1977 को की गई थी। यह लगभग 10 एकड़ (40,000 मी2) के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस भवन के अंदर और बाहर, दोनो ही प्रकार की रेल धरोहरें सुरक्षित हैं। विभिन्न प्रकार के रेल इंजनों को देखने के लिए देश भर से लाखों पर्यटक यहां आते हैं।
यहां पर रेल इंजनों के अनेक मॉडल और कोच हैं जिसमें भारत की पहली रेल का मॉडल और इंजन भी शामिल हैं। इसका निर्माण ब्रिटिश वास्तुकार एम जी सेटो ने 1957 में किया था। यहां एक छोटी रेलगाड़ी भी चलती है, जो कि संग्रहालय में पूरा चक्कर लगवाती है।
इस संग्रहालय में विश्व की प्राचीनतम चालू हालत की रेलगाड़ी भी है, जिसका इंजन सन 1855 में निर्मित हुआ था। ये फ़ेयरी क्वीन गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स सेप प्रमाणित है। इसके अलावा यहां रेस्टोरेंट और बुक स्टॉल है। तिब्बती हस्तशिल्प का प्रदर्शन भी यहां किया गया है।
देशभर से लगभग हजारो की संख्या में लोग इस स्थान पर घुमने के लिए आते है, क्योकि हर किसी को प्राचीन वस्तुओ को देखना पसंद है, ऐसे में यदि कोई एक बार राष्ट्रीय रेल परिवहन संग्रहालय में आ जाए तो उसका फिर जल्दी जाने का मन नही करता है।
7- जामा मस्जिद-
जामा मस्जिद दिल्ली में स्थित एक मस्जिद है। इसका निर्माण सन् 1656 में हुआ था। यह मस्जिद लाल पत्थरों और संगमरमर का बना हुआ है। लाल किले से महज 500 मी. की दूरी पर जामा मस्जिद स्थित है जो भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है।
इस मस्जिद का निर्माण 1650 में शाहजहां ने शुरु करवाया था। इसे बनने में 6 वर्ष का समय और 10 लाख रु.लगे थे। बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से निर्मित इस मस्जिद में उत्तर और दक्षिण द्वारों से प्रवेश किया जा सकता है।
पूर्वी द्वार केवल शुक्रवार को ही खुलता है। इसके बारे में कहा जाता है कि सुल्तान इसी द्वार का प्रयोग करते थे। इसका प्रार्थना गृह बहुत ही सुंदर है। इसमें ग्यारह मेहराब हैं जिसमें बीच वाला महराब अन्य से कुछ बड़ा है।
इसके ऊपर बने गुंबदों को सफेद और काले संगमरमर से सजाया गया है जो निजामुद्दीन दरगाह की याद दिलाते हैं। और बहुत से पर्यटक रोजाना इस जमा मस्जिद को देखने के लिए आते है, क्योकि यह भी एक प्राचीन वास्तु कला का परिचय देती है।
8- राष्ट्रपति भवन-
बहुत कम लोगो को पता होगा, कि राष्ट्रपति भवन भारत सरकार के राष्ट्रपति का सरकारी आवास है। वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति, उन कक्षों में नहीं रहते, जहां वाइसरॉय रहते थे, बल्कि वे अतिथि-कक्ष में रहते हैं।
यहाँ राष्ट्रपति आगन्तुक से मिलते है। 25 जुलाई 2022 उपरांत महामहिम द्रोपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनायी गई है । सन 1950 तक इसे वाइसरॉय हाउस बोला जाता था। तब यह तत्कालीन भारत के गवर्नर जनरल का आवास हुआ करता था।
यह नई दिल्ली के हृदय क्षेत्र में स्थित है। इस महल में 340 कक्ष हैं और यह विश्व में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के आवास से बड़ा है। भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल श्री सी राजगोपालाचार्य को यहां का मुख्य शयन कक्ष, अपनी विनीत नम्र रुचियों के कारण, अति आडंबर पूर्ण लगा जिसके कारण उन्होंने अतिथि कक्ष में रहना उचित समझा। उनके उपरांत सभी राष्ट्रपतियों ने यही परंपरा निभाई।
यहां के म्यूजियम मुगल उद्यान की गुलाब वाटिका में अनेक प्रकार के गुलाब लगे हैं और यह कि जन साधारण हेतु, प्रति वर्ष फरवरी माह के दौरान खुलती है। इस भवन की खास बात है।
कि इस भवन के निर्माण में लोहे का नगण्य प्रयोग हुआ है। जो देखने में बहुत सुन्दर दिखाई देते है, और जो लोग दिल्ली में घुमने की योजना बना रहे है, वह लोग यहाँ पर आ सकते है।
9- जन्तर मन्तर-
दिल्ली का जन्तर मन्तर एक खगोलीय वेधशाला है। अन्य चार जन्तर मन्तर सहित इसका निर्माण महाराजा जयसिंह द्वितीय ने 1724 में करवाया था। यह इमारत प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उन्नति की मिसाल है।
जय सिंह ने ऐसी वेधशालाओं का निर्माण जयपुर, उज्जैन, मथुरा और वाराणसी में भी किया था। दिल्ली का जंतर-मंतर समरकंद की वेधशाला से प्रेरित है। मोहम्मद शाह के शासन काल में हिन्दु और मुस्लिम खगोलशास्त्रियों में ग्रहों की स्थिति को लेकर बहस छिड़ गई थी।
इसे खत्म करने के लिए सवाई जय सिंह ने जंतर-मंतर का निर्माण करवाया। ग्रहों की गति नापने के लिए यहां विभिन्न प्रकार के उपकरण लगाए गए हैं। सम्राट यंत्र सूर्य की सहायता से वक्त और ग्रहों की स्थिति की जानकारी देता है।
मिस्र यंत्र वर्ष के सबसे छोटे ओर सबसे बड़े दिन को नाप सकता है। राम यंत्र और जय प्रकाश यंत्र खगोलीय पिंडों की गति के बारे में बताता है। जंतर-मंतर में हर वर्ष लाखो लोग घुमने आते है।
और यहाँ पर कई फिल्मो की शूटिंग भी चुकी है, यदि आप दिल्ली में घुमने की जगह इंटरनेट पर सर्च कर रहे है, तो जंतर-मंतर आ सकते है।
10- लोटस टेंपल या कमल मंदिर-
लोटस टेंपल या कमल मंदिर, भारत की राजधानी दिल्ली के नेहरू प्लेस में (कालकाजी मंदिर) के पास स्थित एक बहाई उपासना स्थल है। यह अपने आप में एक अनूठा मंदिर है।
यहाँ पर न कोई मूर्ति है और न ही किसी प्रकार का कोई धार्मिक कर्म-कांड किया जाता है, इसके विपरीत यहाँ पर विभिन्न धर्मों से संबंधित विभिन्न पवित्र लेख पढ़े जाते हैं। भारत के लोगों के लिए कमल का फूल पवित्रता तथा शांति का प्रतीक होने के साथ ईश्वर के अवतार का संकेत चिह्न भी है।
यह फूल कीचड़ में खिलने के बावजूद पवित्र तथा स्वच्छ रहना सिखाता है, साथ ही यह इस बात का भी द्योतक है कि कैसे धार्मिक प्रतिस्पर्धा तथा भौतिक पूर्वाग्रहों के अंदर रह कर भी, कोई व्यक्ति इन सबसे अनासक्त हो सकता है।
कमल मंदिर में प्रतिदिन देश और विदेश के लगभग आठ से दस हजार पर्यटक आते हैं। आनेवाले सभी पर्यटकों को बहाई धर्म का परिचय दिया जाता है और मुफ्त बहाई धार्मिक सामग्री वितरित की जाती है। यहाँ का शांत वातावरण प्रार्थना और ध्यान के लिए सहायक है।
दिल्ली में घुमने से सम्बंधित पूछे जाने वाले प्रश्न-
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दिल्ली का सबसे मशहूर भोजन क्या है?
Ans- दिल्ली का मशहूर स्ट्रीट फूड छोले भटूरे है।
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दिल्ली की प्रसिद्ध इमारत कौन सी है?
Ans- वैसे तो दिल्ली में घुमने की कई सारी प्रसिद्ध ईमारत है, और यदि हम प्राचीन ईमारत के बारे में जाने तो दिल्ली किला, जंतर-मंतर और कुतुबमीनार मुख्य है।
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दिल्ली में बच्चों की घूमने की जगह?
Ans- इस लेख में हमने टॉप 10 दिल्ली में घुमने की जगहों के बारे में जानकारी दी है, जहा पर आप अपने बच्चो के साथ में भी घूम सकते है।
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दिल्ली में सबसे बढ़िया घूमने की जगह कौन सी है?
Ans- यदि आप दिल्ली में घुमने के लिए सोच रहे है, तो यहाँ पर आप कमल मंदिर, दिल्ली का लाल किला, और नेशनल रेल म्यूज़ियम में आकर घूम सकते है।
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दिल्ली की यात्रा कैसे करे?
Ans- दिल्ली जाने के लिए कई साधन है, जिनमे से ट्रेन व बस मख्य है।
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दिल्ली घुमने के लिए कैसे जाए?
Ans- दिल्ली में घुमने जाने के लिए आप हवाई जहाज, ट्रेन, बस व अपनी प्राइवेट गाडी से जा सकते है, क्योकि भारत की राजधानी दिल्ली है, इसलिए यहाँ पर घुमने के लिए आप आसानी से जा सकते है।
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दिल्ली के आसपास घूमने की जगह?
Ans- दिल्ली के आस-पास वाले स्थानों में घुमने के लिए आप लाल किला, और जमा मस्जिद पर जा सकते है।
निष्कर्ष- आज हमने क्या सिखा-
आज के इस लेख में हमने आप सभी को Delhi me ghumne ki jagah के बारे में जानकारी दी है, क्योकि बहुत से लोगो को यकींन नही होता है, कि delhi ghumne ki jagah भी है।
यदि आपको यह सभी दिल्ली में घुमने की जगह पसंद आई हो, तो इसे अपने सोशल मिडिया और अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले, क्योकि मेरे हिसाब से हर किसी को delhi me ghumne ki jagah के बारे में पता होन चाहिए।
नोट- यदि आप इस ब्लॉग पर नए आये है, और भारत में कही भी यात्रा करना चाहते है, तो इस ब्लॉग को बुकमार्क करना ना भूले, क्योकि हम अपने इस ब्लॉग के माध्यम से यात्रा से सम्बंधित जानकारी समय-समय पर देते है।